1. चिंता को लोग क्या कहते हैं?
2. बाजार की मंत्रियों को छोड़कर एकान्त की ओर भागो यह किसने कहा?
3. ईर्ष्या तू न गई मेरे मन से शीर्षक पाठ में कहा गया है जिसे किसी ने प्रचंड चिंता ने पकड़ लिया है, उस बेचारे की जिंदगी है ---
4. सही संतुलित जीवन के प्रति एक दृष्टिकोण विकसित करने की सीख शीर्षक पाठ से मिलती है?
5. किनके विभव की वृद्धि से वकील साहब का कलेजा जलता है?
6. किसी व्यक्ति के पतन का कारण क्या होता है?
7. ईर्ष्या का संबंध किससे होता है?
8. 'ईर्ष्या: तू न गई मेरे मन से निबंध में हृदय पर दंश के दाह को कौन भोगता है?
9. 'तुम्हारी निंदा वही करेगा, जिसकी तुमने भलाई की है' किसने कहा है?
10. ईर्ष्या को क्या कहा गया है?
11. 'दिनकर' किस रचनाकार के नाम से जुड़ा है?
12. नेपोलियन भी स्पर्धा करता था—
13. हमें नहीं होना चाहिए-
14. 'ईर्ष्या तू न गई मेरे मन से' पाठ के लेखक हैं-
15. लेखक के अनुसार 'निंदा' की माँ है—
16. 'ईर्ष्या तू न गई मेरे मन से' पाठ में वकील साहब के बगल में कौन रहते हैं?
17. ईर्ष्या सबसे पहले किसे जलाती है?
18. रामधारी सिंह 'दिनकर' का जन्म हुआ—
21. रामधारी सिंह 'दिनकर' द्वारा रचित पाठ है—
22. मूलरूप से रामाधारी सिंह 'दिनकर' हैं—
23. 'यार, ये तो बाजार की मक्खियाँ हैं जो अकारण हमारेचारों ओर भिनभिनाया करती हैं यह पंक्ति है-
24. लेखक रामधारी सिंह दिनकर के घर के दाहिने कौन रहते हैं?
25. लेखक रामधारी सिंह 'दिनकर' के रोचक निबंध ईर्ष्या: तू न गई मेरे मन से' में किस पर टिप्पणी की गई है?